अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत ने खालिस्तान की मांग को जायज बता बवाल को जन्म दिया, बोले-केंद्र दे तो इनकार नहीं https://ift.tt/3cG5MAj

ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36वीं बरसी पर शनिवार को सियासी बवाल खड़ा हो गया। यह बवाल अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के एक बयान पर खड़ा हुआ है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बातों-बातों में खालिस्तान की मांग का समर्थन कर दिया। उन्होंने कहा कि सिख खालिस्तान की मांग करते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर केंद्र सरकार सिखों को खालिस्तान देती है तो सिख इन्कार नहीं करेंगे।
जत्‍थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह श्री अकाल तख्त साहिब से कौम के नाम संदेश जारी करने के बाद मीडिया से रू-ब-रू हो रहे थे। इससे पहले उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया।

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि 6 जून 1984 का दिन सिखों के इतिहास में काले दिन के रूप में याद किया जाता रहेगा। इस दिन श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब ही नहीं, बल्कि सिखों के अलग-अलग जगहों पर स्थित 37 धार्मिक स्थानों पर हमले किए गए थे। यह उस समय की सरकार की सिखविरोधी सोच को प्रकट करती थी। आज सिखों की मुश्किलों को हल करने के लिए राजनीतिक व धार्मिक एकता की जरूरत है।
जत्‍थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिख अगर खालिस्तान की मांग करते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने सिख युवाओं के जोश का प्रतीक है। अगर केंद्र सरकार खालिस्तान देता है तो कोई भी सिख इस से इन्‍कार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान हुई सारी घटनाओं का एक विस्तृत इतिहास पुस्तक के रूप में तैयार करना चाहिए। इसकी जिम्मेदारी एसजीपीसी को निभानी चाहिए।
वहीं, अकाल तख्त से कौम के नाम संदेश जारी करते हुए जत्‍थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि वर्ष 1984 में अकाल तख्त और हरिमंदिर साहिब पर किया गया हमला सिख मानसिकता पर किया गया न सहन किया जाने वाला हमला था। इसका दर्द रहती दुनिया तक सिखों के मन में बना रहेगा। उन्होंने कहा कि कौम के लक्ष्यों की प्रप्ति के लिए नीयत नेक की जरूरत है। सभी सिख होने पर राजनीतिक व संगठनात्मक ग्रुपबाजी से उपर उठ कर आपसी सांझ व एकता को मजबूत करना चाहिए। सिख कौम की सभी मुश्किलों का हल सिर्फ अपनी एकता से ही संभव है।
उधर, एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कहा कि सिख आज भी देश में बेगानगी का अहसास कर रहे हैं। सिखों का भारत के प्रति भरोसा प्रभावित हुआ है। ऑपरेशन ब्‍लू स्‍टार में हुई हानि को लेकर एसजीपीसी द्वारा दायर मुआवजे के केस पर कानूनी विशेषज्ञों की राय लेकर ही केंद्र सरकार से बातचीत हो सकती है।



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अमृतसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर खालिस्तान की मांग को लेकर झंडे लहराते गर्मख्याली सिख।


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